महत्वपूर्ण
बिन्दु
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- विद्युत् - सेल विद्युत् का एक स्रोत है ।
- विद्युत्
- सेल में
दो टर्मिनल होते हैं
; एक धन टर्मिनल (+) तथा एक
ऋण टर्मिनल (-)
- विद्युत् बल्ब में एक फिलामेण्ट होता है, जो इसके टर्मिनलों से जुड़ा होता है ।
- विद्युत् धारा प्रवाहित होने पर विद्युत् - बल्ब दीप्त हो उठता है ।
- बन्द विद्युत् - परिपथ में विद्युत् - धारा, विद्युत् - सेल के एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक प्रवाहित होती है ।
- स्विच एक सरल युक्ति है, जो विद्युत् - धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारम्भ करने के लिए परिपथ को तोड़ता अथवा पूरा करता है ।
- जिन पदार्थों से होकर विद्युत् - धारा प्रवाहित हो सकती है, वे विद्युत - चालक कहलाते हैं ।
- जिन पदार्थों से होकर विद्युत् - धारा प्रवाहित नहीं हो सकती, वे विद्युत् - रोधक कहलाते हैं ।
अभ्यास
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति
कीजिए ।
(क) एक
युक्ति जो परिपथ
को तोड़ने के लिए
उपयोग की जाती
है, स्विच कहलाती है ।
(ख) एक
विद्युत् सेल में
दो टर्मिनल
होते हैं ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर ' सही
' या ' गलत ' का
चिन्ह लगाइए ।
(क) विद्युत् धारा
धातुओं से होकर
प्रवाहित हो सकती
है । (सही)
(ख) विद्युत् परिपथ
बनाने के लिए
धातु के तारों
के स्थान पर जूट
की डोरी प्रयुक्त की
जा सकती है
। ( x )
(ग) विद्युत् धारा
थर्मोकोल की शीट
से होकर प्रवाहित हो
सकती है ।
( x )
प्रश्न 3. व्याख्या कीजिए कि निम्न
चित्र में दर्शाई
गई व्यवस्था में बल्ब
क्यों नहीं दीप्तिमान होता
है ?
उत्तर - उक्त चित्र में बल्ब दीप्तिमान नहीं होता है , क्योंकि बीच में एक विद्युत् रोधक की उपस्थिति के कारण विद्युत् परिपथ पूरा नहीं होता ।
प्रश्न 4. नीचे दर्शाए
गए आरेख को
पूरा कीजिए और बताइए
कि बल्ब को
दीप्तिमान करने के
लिए तारों के स्वतन्त्र सिरों
को किस प्रकार
जोड़ना चाहिए ?
प्रश्न 5. विद्युत् स्विच को उपयोग
करने का क्या
प्रयोजन है ? कुछ
विद्युत् - साधित्रों के नाम
बताइए , जिनमें स्विच उनके अन्दर
ही निर्मित होते हैं
।
उत्तर- स्विच एक सरल युक्ति है , जो विद्युत् धारा के प्रवाह को रोकने या प्रारम्भ करने के लिए परिपथ को तोड़ता अथवा पूरा करता है ।
कुछ विद्युत् साधित्र जिनके स्विच उनके अन्दर ही निर्मित होते हैं , इस प्रकार माइक्रोवेव , फ्रिज , चावल कुकर , स्वचालित लौह इस्तरी , टोस्टर , रोटी मेकर ।
प्रश्न 6. प्रश्न 4 के चित्र
में सुरक्षा पिन की
जगह यदि रबड़
लगा दें तो
क्या बल्ब दीप्तिमान होगा
?
उत्तर - नहीं
प्रश्न 7. क्या नीचे
दिखाए गए परिपथ
में बल्ब दीप्तिमान होगा
?
उत्तर- नहीं ।
प्रश्न 8. किसी वस्तु
के साथ " चालक परीक्षित्र " का उपयोग
करके यह देखा
गया कि बल्ब
दीप्तिमान होता है।
क्या इस वस्तु
का पदार्थ विद्युत् चालक है
या विद्युत् रोधक ? व्याख्या कीजिए
।
उत्तर - इस वस्तु का पदार्थ विद्युत् चालक है , क्योंकि विद्युत् केवल विद्युत् चालक से होकर ही प्रवाहित हो सकती है , विद्युत् रोधक से होकर नहीं । यदि पदार्थ विद्युत् चालक नहीं होगा तो बल्ब नहीं जलेगा ।
प्रश्न 9. आपके घर
में स्विच की मरम्मत
करते समय विद्युत् - मिस्तरी रबड़
के दस्ताने क्यों पहनता है ? व्याख्या कीजिए
।
उत्तर - रबड़ के दस्ताने विद्युत् रोधक होते हैं । ये विद्युत् मिस्तरी को विद्युत् झटके से बचाते हैं । यही कारण है कि विद्युत् स्विच की मरम्मत के समय विद्युत् मिस्तरी रबड़ के दस्तानों का प्रयोग करता है ।
प्रश्न 10. विद्युत् मिस्तरी द्वारा उपयोग किए जाने
वाले औजार , जैसे
पेंचकस और प्लायर्स के
हत्थों पर प्रायः
प्लास्टिक या रबड़
के आवरण चढ़े
होते हैं ।
क्या आप इसका
कारण समझा सकते
हैं ?
उत्तर - प्लास्टिक और रबड़ दोनों ही विद्युत् के कुचालक होते हैं । अत : ये विद्युत् झटकों से बचाते हैं ।
अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. विद्युत् सेल क्या
है ?
उत्तर - विद्युत सेल- यह एक उपकरण है , जो इसमें एकत्र रसायनों से विद्युत् उत्पन्न करता है ।
प्रश्न 2. विद्युत् सेल का
उपयोग आप कहाँ
करते हैं ?
उत्तर - अलार्म घड़ी, कलाई घड़ी, ट्रांजिस्टर रेडियो, कैमरे, आपातकालीन लाइट आदि में ।
प्रश्न 3. तन्तु क्या है
?
उत्तर - तन्तु- एक पतला तार जो प्रकाशित होता है , बल्ब का तन्तु कहलाता है ।
प्रश्न 4. विद्युत् चालक और
विद्युत् रोधक दोनों
हमारे लिए समान
रूप से महत्वपूर्ण हैं-
व्याख्या कीजिए ।
उत्तर - विद्युत् चालक और विद्युत् रोधक हमारे लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं । स्विच , विद्युत् प्लग और सॉकेट विद्युत् चालकों के बने होते हैं । दूसरी ओर विद्युत् तारों , प्लग के ऊपरी भागों , स्विचों और अन्य विद्युत् उपकरण , जिन्हें . लोग स्पर्श करते हैं , को ढकने के लिए रबड़ और प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है ।
प्रश्न 5. विद्युत् बल्ब फ्यूज
क्यों हो जाता
है ?
उत्तर - कभी - कभी विद्युत् - बल्ब , विद्युत् - सेल से जुड़े होने पर भी दीप्त नहीं होता । ऐसा बल्ब के फ्यूज होने के कारण हो सकता है ।
विद्युत् बल्ब कई कारणों से फ्यूज हो सकता है । इसमें से एक कारण है , बल्ब के तन्तु का खण्डित होना । बल्ब का तन्तु खण्डित होने के कारण , विद्युत् सेल के टर्मिनलों के बीच विद्युत् - धारा का परिपथ टूट जाता है । इसलिए फ्यूज बल्ब तन्तु से विद्युत् - धारा प्रवाहित न होने के कारण दीप्तिमान नहीं होता है ।