स्मरणीय बिन्दु ---
- वायु प्रदूषण, अपद्रव्यों द्वारा वायु का ऐसा संदूषण है, जिसका हानिकर प्रभाव सजीव एवं निर्जीव दोनों पर हो सकता है ।
- प्रदूषक वे पदार्थ हैं जो वायु तथा जल को संदूषित करते हैं ।
- कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, मैथेन तथा सल्फर डाइऑक्साइड वायु के प्रमुख प्रदूषक हैं ।
- CO, जैसी पौधा - घर गैसों के बढ़ते स्तर से विश्व ऊष्मान हो रहा है ।
- स्वच्छ तथा पीने योग्य जल को पेयजल कहते हैं ।
- जल एक अनमोल प्राकृतिक संसाधन है । हमें इसके संरक्षण के उपाय सीखने चाहिए ।
पाठगत प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. वायु प्रदूषण किसे कहते हैं ?
उत्तर - जब वायु अनचाहे पदार्थों द्वारा संदूषित हो जाती है , जो सजीव और निर्जीव दोनों के लिए हानिकारक है , तो इसे वायु प्रदूषण कहते हैं ।
प्रश्न 2. क्रियाकलाप 18.3 उपर्युक्त प्रदूषकों का उपयोग करके एक सारणी बनाइए । इसमें आप और अधिक आँकड़े भी जोड़ सकते हैं ?
उत्तर - वायु प्रदूषक स्रोत प्रभाव
सल्फर डाइऑक्साइड पेट्रोलियम. फेफड़ों को क्षति नाइट्रोजन ऑक्साइड. धुआँ दमा , खाँसी
क्लोरो - फ्लोरो कार्बन रेफ्रिजरेटर , ए.सी. ओजोन परत क्षतिग्रस्त
कार्बन मोनो ऑक्साइड वाहन. खून में ऑक्सीजन की कमी ।
प्रश्न 3. क्या अम्लीय वर्षा खेतों की मिट्टी ( मृदा ) तथा पौधों को प्रभावित करती है ?
उत्तर - अम्लीय वर्षा से खेतों की मिट्टी अनउपजाऊ हो जाती है तथा विभिन्न पौधों पर दुष्प्रभाव पड़ने से उनका विकास रुक जाता है ।
प्रश्न 4. वायुमंडल में CO, की मात्रा कैसे बढ़ती है ?
उत्तर - मानवीय क्रियाकलापों के कारण वायुमंडल में CO, की अधिकता हो जाती है ।
प्रश्न 5. क्रियाकलाप 18.5 गंध, अम्लीयता तथा रंग की तुलना कीजिए, निम्नलिखित सारणी को भरिए ।
उत्तर गंध अम्लीयता रंग
नल का जल नहीं शून्य साफ
तालाब का जल कसैली अधिक मटमैला
नदी का जल नहीं कम. मटमैला
कुएँ का जल नहीं कम. साफ
झील का जल नहीं कम साफ
अभ्यास
प्रश्न 1. किन विभिन्न विधियों द्वारा जल का संदूषण होता है ?
उत्तर - जल का संदूषण निम्न विधियों से होता है |
(1) कृषि में उपयोग किए जाने वाले रसायन- किसान बड़ी मात्रा में रसायनों का उपयोग करते हैं, जिससे फसल उत्पादन बढ़ सके । यह रसायन पानी में बरसात या बाढ़ के द्वारा मिल जाता है ।
(2) औद्योगिक कचरा- उद्योगों द्वारा निष्कासित कचरा / अवशेष भी नुकसानदायक रसायनों को पानी में छोड़ देते हैं ।
(3) मल निस्तारण - घरों से निकला मल या उपयोग किया गया गंदा जल ।
प्रश्न 2. व्यक्तिगत स्तर पर आप वायु प्रदूषण को कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं ?
उत्तर - व्यक्तिगत स्तर पर वायु प्रदूषण को निम्न तरीकों से कम किया जा सकता है
(1) कार का उपयोग कम से कम करे , पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करे ।
(2) वाहन के बजाय पैदल चले ।
(3) डीजल / पेट्रोल की जगह CNG / LPG का उपयोग करे ।
(4) कचरे को जलाएँ नहीं ।
प्रश्न 3. स्वच्छ , पारदर्शी जल सदैव पीने योग्य होता है । टिप्पणी कीजिए ।
उत्तर - नहीं, स्वच्छ या पारदर्शी जल हमेशा पीने योग्य नहीं होता है । यह स्वच्छ दिखाई देता जरूर है , परन्तु इसमें कई बीमारी पैदा करने वाले कीटाणु हो सकते हैं । जो हमारी नंगी आँखों से दिखाई नहीं देते ।
प्रश्न 4. आप अपने शहर की नगर पालिका के सदस्य हैं । ऐसे उपायों की सूची बनाइए जिससे नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके ।
उत्तर - नगर के सभी निवासियों को स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए निम्न कार्य ( उपाय ) करने होंगे
(1) स्वच्छ जल के स्रोत की सफाई - स्वच्छ वातावरण और रखरखाव ।
(2) पानी की सफाई के लिए उसका ट्रीटमेन्ट (क्लोरीन द्वारा)
(3) पानी प्रदाय के पाइप की सफाई ।
प्रश्न 5. शुद्ध वायु तथा प्रदूषित वायु में अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर - शुद्ध वायु में 78 % नाइट्रोजन, 21 % ऑक्सीजन तथा 0.03 % कार्बन डाइऑक्साइड होती है । अन्य शेष गैसें हैं, ऑर्गन, मीथेन आदि । जबकि प्रदूषित वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड , कार्बन मोनोऑक्साइड शामिल होती हैं ।
प्रश्न 6. उन अवस्थाओं की व्याख्या कीजिए , जिनसे अम्ल वर्षा होती है । अम्ल वर्षा हमें कैसे प्रभावित करती है ?
उत्तर - कोयले और डीजल का धुआँ वायु को प्रदूषित करती है । प्रदूषित वायु में शामिल सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड हवा में शामिल होकर पानी की वाष्प में सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड बनाती है , जो बरसात के पानी में शामिल होकर वापस धरती पर आता है । यह अम्ल वर्षा हमारे जीवन में
(1) फसलों को नुकसान पहुंचाती है ।
(2) भवनों को नुकसान पहुंचाती है, विशेषकर संगमरमर से बने भवन जैसे ताजमहल ।
प्रश्न 7. निम्नलिखित में से कौन - सी पौधा - घर गैस नहीं है ?
(क) कार्बन डाइऑक्साइड (ख) सल्फर डाइऑक्साइड. (ग) मैथेन (घ) नाइट्रोजन ।
उत्तर - (घ) नाइट्रोजन।
प्रश्न 8. पौधा - घर प्रभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए ।
उत्तर - पौधा घर प्रभाव ( ग्रीन हाउस ) ग्लोबल वार्मिंग को प्रभावित करता है । यह पृथ्वी के औसत तापमान को बढ़ाता है । पौधाघर प्रभाव का मुख्य कारण है , पौधा घर गैसेस । पौधा घर गैसों के उदाहरण है , कार्बन डाइऑक्साइड , मैथेन तथा जल वाष्प । जब सूर्य की किरणें वायुमंडल में गुजरने के पश्चात् पृथ्वी की सतह को गर्म करती है । इस गर्मी का कुछ भाग पृथ्वी अवशोषित कर लेती है तथा कुछ भाग परावर्तित होकर वापस आंतरिक्ष में लौट जाता है तथा कुछ भाग वायुमंडल में रुक जाता है । ये रुका भाग पृथ्वी को गर्म करता है । इसे पौधा घर हाउस प्रभाव कहते हैं ।
प्रश्न 9. आपके द्वारा कक्षा में विश्व उष्णन के बारे में दिया जाने वाला संक्षिप्त भाषण लिखिए ।
उत्तर - विश्व उष्णन (Global Warming) - विश्व उष्णन (ग्लोबल वार्मिंग) विश्वव्यापी सरकारों के लिए विचारणीय विषय बन गया है । अनेक देशों ने इस क्षेत्र में कई कदम उठाना भी प्रारम्भ कर दिया है । क्योंकि विश्व उष्णन के कारण यदि पृथ्वी का तापमान 0.5 ° C भी बढ़ता है , तो बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं । भारत में भी विश्व उष्णन के कारण हिमालय के गंगोत्री हिमनद में बर्फ पिघलनी प्रारंभ हो गई है । इसके दो प्रमुख कारण है- ( 1 ) हवा में CO 2 की मात्रा दिनों दिन बढ़ रही है । ( 2 ) वनों की कटाई में वृद्धि होती जा रही है । परिणाम स्वरूप वायुमंडल के औसत ताप में निरन्तर वृद्धि हो रही है ।
प्रश्न 10. ताजमहल की सुन्दरता पर संकट का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - आगरा तथा इसके आसपास स्थित रबड़ प्रक्रमण, स्वचलित वाहन, रसायन और विशेषकर मथुरा तेल रिफायनरी जैसे उद्योग सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषणों को उत्पन्न करते हैं । ये गैसे जल वाष्प में सम्मिलित होकर अम्ल वर्षा करते हैं । अम्ल वर्षा के कारण संगमरमर का संक्षारण होता है । इस परिघटना को संगमरमर कैंसर भी कहते हैं । मथुरा तेल रिफायनरों से निकले कज्जल कण भी संगमरमर को पीला कर रहे हैं । इस प्रकार ताजमहल की सुन्दरता संकट में हैं ।
प्रश्न 11. जल में पोषकों के स्तर में वृद्धि किस प्रकार जल जीवों की उत्तरजीविता को प्रभावित करती है ?
उत्तर - रुके जल में बहुत सारे शैवाल उगे होते हैं, यह उर्वरकों में नाइट्रेट और फास्फेटों की उपस्थिति के कारण होते हैं, ये रसायन शैवालों के पोषकों की भाँति कार्य करते हैं, जब ये शैवाल मर जाते हैं , तो जीवाणुओं का भोजन बन जाते हैं । ये अत्यधिक ऑक्सीजन का प्रयोग करते हैं, जिससे जल में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तथा जिससे जलीय जीवों में मरते जाते हैं ।