महत्वपूर्ण बिन्दु ----
- हस्तचयन, निष्पावन, चालन, अवसादन, निस्तारण तथा निस्यन्दन मिश्रणों से उसके अवयवों के पृथक्करण की कुछ विधियाँ हैं ।
- अनाज से भूसा और पत्थरों को हस्तचयन द्वारा पृथक किया जा सकता है ।
- भूसा, अनाज के भारी बीजों से निस्पावन विधि द्वारा पृथक किया जाता है ।
- किसी मिश्रण के कणों की आमाप में अन्तर का उपयोग चालन तथा निस्यन्दन प्रक्रियाओं द्वारा पृथक्करण में किया जाता है ।
- रेत और जल के मिश्रण में , रेत के भारी कण तली में बैठ जाते हैं और निस्तारण की विधि द्वरा जल को पृथक किया जा सकता है ।
- द्रव तथा उसमें अविलेय पदार्थ के अवयवों को निस्यन्दन के उपयोग से पृथक किया जा सकता है ।
- किसी द्रव को उसी वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं । वाष्पन की विधि का उपयोग द्रव में घुले ठोस को पृथक करने में किया जा सकता है ।
- जिस विलयन में कोई पदार्थ और अधिक न घुल सके , वह उस पदार्थ का सन्तृप्त विलयन होता है ।
- किसी पदार्थ के विलयन को गर्म करने पर उसमें और अधिक पदार्थ घोला जा सकता है ।
- जल विलेय पदार्थों की विभिन्न मात्राएँ घोलता है ।
अभ्यास
प्रश्न 1. हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक् करने की आवश्यकता क्यों होती है ? दो उदाहरण लिखिए ।
उत्तर - जब दो या अधिक पदार्थ साथ मिलाए जाते हैं, तो इसे हम मिश्रण कहते हैं । कभी - कभी किसी मिश्रण के विभिन्न घटक उपयोगी नहीं होते, बल्कि हानिकारक होते हैं । अतः हमें किसी मिश्रण के घटकों को पृथक् करने की आवश्यकता होती है ।
उदाहरण के तौर पर,
(i) चाय बनाने के पश्चात्, चाय की पत्ती उपयोगी नहीं रहती ।
(ii) चावल में मौजूद छोटे - छोटे पत्थर हानिकारक होते हैं । अत: हम उन्हें निकाल देते हैं ।
प्रश्न 2. निष्पावन से क्या अभिप्राय है ? यह कहाँ उपयोग किया जाता है ?
उत्तर – निष्पावन - निष्पावन द्वारा किसी मिश्रण के भारी एवं हल्के संघटकों को हवा द्वारा या हवा चलाकर पृथक् किया जाता है ।
किसान अनाज के भारी दानों से भूसे के हल्के कणों को पृथक् करने में प्राय: इस विधि का उपयोग करते हैं ।
प्रश्न 3. पकाने से पहले दालों के नमूने से आप भूसे एवं धूल के कण कैसे पृथक् करेंगे ?
उत्तर - हस्तचयन विधि के द्वारा यह किया जा सकता है । हस्तचयन विधि का प्रयोग सामान्यतया गेहूँ, चावल या दालों से गन्दगी के कणों, पत्थरों, भूसे आदि को पृथक् करने में किया जाता है ।
प्रश्न 4. छालन से क्या अभिप्राय है ? यह कहाँ उपयोग होता है ?
उत्तर - छालन - छालन द्वारा बारीक कण छलनी से बाहर निकल जाते हैं, जबकि बड़ी अशुद्धियाँ छलनी में रह जाती हैं । आटा मिल में भूसे और पत्थर जैसी अशुद्धियों को गेहूँ से छानकर पृथक् किया जाता है ।
प्रश्न 5. रेत तथा जल के मिश्रण से आप रेत तथा जल को कैसे पृथक करेंगे ।
उत्तर - (i) मिश्रण को एक गिलास में रख दें ।
(ii) रेत पेंदी में बैठ जाएगी । (अवसादन) ।
(iii) साफ जल ऊपरी परत के रूप में आ जाएगा ।
(iv) इस.जल को धीरे से अन्य गिलास में निकाल लें (निस्तारण) ।
प्रश्न 6. आटे और चीनी के मिश्रण से क्या चीनी को पृथक् करना सम्भव है ? अगर हाँ, तो आप इसे कैसे करेंगे ?
उत्तर - हाँ । यह निम्न प्रकार किया जाएगा :
(i) चीनी और आटे के मिश्रण को पर्याप्त जल में मिलाइए ।
(ii) इसे छानिए ।
(iii) फिल्टर पेपर पर आटा एकत्र हो जाएगा ।
(iv) आटा प्राप्त करने के लिए इसे सुखा लें ।
(v) छना भाग चीनी - पानी का मिश्रण है ।
(vi) चीनी प्राप्त करने के लिए जल को वाष्पित कर दें।
प्रश्न 7. पंकिल जल के किसी नमूने से आप स्वच्छ जल कैसे प्राप्त करेंगे ?
उत्तर - (i) पंकिल जल को कुछ देर के लिए रख दें ।
(ii) कीचड़ पेंदी में बैठ जाएगा (अवसादन) ।
(iii) ऊपरी परत स्वच्छ जल की होगी ।
(iv) इसे निस्तारण द्वारा अलग कर लें ।
(v) कीचड़ के कणों को अलग करने के लिए इसे फिर से छान लें ।
प्रश्न 8. रिक्त स्थानों को भरिएः
(क) धान के दानों को डण्डियों से पृथक् करने की विधि को श्रेसिंग कहते हैं ।
(ख) किसी एक कपड़े पर दूध को उड़ेलते हैं तो मलाई उस पर रह जाती है । पृथक्करण की यह प्रक्रिया निस्यन्दन कहलाती है ।
(ग) समुद्र के जल से नमक वाष्पन प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है ।
(घ) जब पंकिल जल को पूरी रात एक बाल्टी में रखा जाता है तो अशुद्धियाँ तली में बैठ जाती हैं । इसके पश्चात् स्वच्छ जल को ऊपर से पृथक् कर लेते हैं । इसमें उपयोग होने वाली पृथक्करण की प्रक्रिया को निस्तारण कहते हैं ।
प्रश्न 9. सत्य अथवा असत्य बताइए
(क) दूध और जल के मिश्रण को निस्यन्दन द्वारा पृथक् किया जा सकता है । (असत्य)
(ख) नमक तथा चीनी के मिश्रण को निष्पावन द्वारा पृथक् कर सकते हैं । (असत्य)
(ग) चाय की पत्तियों का चाय से पृथक्करण निस्यन्दन द्वारा किया जा सकता है । (असत्य)
(घ) अनाज और भूसे का पृथक्करण निस्तारण प्रक्रम द्वारा किया जा सकता है । (असत्य)
प्रश्न 10. जल में चीनी तथा नींबू का रस मिलाकर शिकंजी बनाई जाती है । आप बर्फ डालकर इसे ठण्डा करना चाहते हो , आप शिकंजी में बर्फ चीनी घोलने से पहले डालेंगे या बाद में ? किस प्रकरण में अधिक चीनी घोलना सम्भव होगा ?
उत्तर - (i) हमें शिकंजी में चीनी घोलने के बाद बर्फ डालनी चाहिए ।
(ii) बर्फ डालने से पहले अधिक चीनी घोलना सम्भव होता है ।
अतिरिक्त महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. संघनन क्या है ?
उत्तर - जल वाष्प के द्रव रूप में बदलने की प्रक्रिया को संघनन कहते हैं ।
प्रश्न 2. आप चालन कब कर सकते हैं ?
उत्तर - जब घटकों के कण अलग - अलग आकार के हों, तब चालन का प्रयोग किया जा सकता है ।
प्रश्न 3. अवसादन और निस्तारण के बीच अन्तर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर – अवसादन - मिश्रण में जल मिलाने पर भारी अवयवों के नीचे तली में बैठ जाने के प्रक्रम को अवसादन कहते हैं ।
निस्तारण - अवसाद के ऊपर के जल को अलग करने की प्रक्रिया को निस्तारण कहते हैं ।
प्रश्न 4. निस्यन्दन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - फिल्टर - पत्र एक ऐसा निस्यन्दक होता है , जिसमें अत्यन्त सूक्ष्म छिद्र होते हैं । चित्र ' क ' में फिल्टर - पत्र के उपयोग से सम्बन्धित विभिन्न चरण दर्शाए गए हैं । फिल्टर पेपर को शंकु के रूप में मोड़कर कीप में लगा दिया जाता है (चित्र ख) ।
प्रश्न 5. निष्पावन की विधि द्वारा भारी संघटकों से हल्के संघटकों के पृथक्करण में कैसे मदद मिलती है ?
उत्तर – निष्पावन - किसी मिश्रण के संघटकों के पृथक्करण की विधि को निष्पावन कहते हैं ।
निष्पावन का उपयोग पवनों अथवा वायु के झोकों द्वारा मिश्रण के भारी तथा हल्के अवयवों को पृथक् करने के लिए किया जाता है ।
साधारणतया किसान इस विधि का उपयोग हल्के भूसे को भारी अन्नकणों से पृथक् करने के लिए करते हैं ।
भूसे के हल्के कण पवन के साथ उड़कर दूर चले जाते हैं।
भारी अन्नकण पृथक् होकर निष्पावन प्लेटफार्म के निकट एक ढेर बना लेते हैं । अलग हुए भूसे को पशुओं के चारे सहित अन्य कई प्रयोजनों में प्रयोग किया जाता है ।
प्रश्न 6. नमक कहाँ से प्राप्त होता है ?
उत्तर - समुद्र के जल में बहुत से लवण मिले होते हैं । इनमें से एक साधारण लवण है । जब समुद्री जल को उथले गड्ढों में भरा जाता है , तो यह धूप से गर्म होकर धीरे - धीरे वाष्पित हो जाता है । इस प्रकार नमक पीछे छूट जाता है । इसके बाद शुद्धिकरण की प्रक्रिया द्वारा इन लवणों के मिश्रण से साधारण लवण (नमक) पृथक् कर लिया जाता है ।
प्रश्न 7. यदि हम जल की एक निश्चित मात्रा में ज्यादा से ज्यादा पदार्थ को डालते जाएँगे तो क्या होगा ?
उत्तर - एक निश्चित मात्रा के बाद पदार्थ घुलना बन्द कर देगा ।
प्रश्न 8. आप पानी एवं सरसों के तेल को कैसे अलग करेंगे ?
उत्तर - पृथक्करण कीप द्वारा तेल और पानी को अलग - अलग करेंगे । कीप में पानी व तेल का मिश्रण भर देंगे, फिर टोंटी के नीचे बीकर रखकर टोंटी खोलेंगे । पानी का घनत्व अधिक होने के कारण पहले पानी बीकर में इकट्ठा हो जायेगा, फिर दूसरे बीकर में तेल को इकट्ठा कर लेंगे ।
प्रश्न 9. दही से मक्खन किस प्रकार बनाया जाता है ?
उत्तर - अपकेन्द्रीय यंत्र द्वारा दही को पात्र में वृत्ताकार घुमाया जाता है, जिससे भारी अवयव नीचे रह जाते हैं एवं हल्के अवयव अर्थात् मक्खन हल्का होने के कारण ऊपर आ जाता है ।