महत्वपूर्ण बिन्दु ---
- अस्थि एवं उपास्थि मानव कंकाल बनाते हैं । यह शरीर का पिंजर बनाता है और इसे एक आकृति भी देता है । कंकाल चलने में सहायक है और आन्तरिक अंगों की सुरक्षा करता है ।
- मानव कंकाल खोपड़ी , मेरूदण्ड , पसलियों , वक्ष की अस्थि , कन्धे एवं श्रोणि मेखला तथा हाथ एवं पाँव की अस्थियों से बनता है ।
- पेशियों के जोड़े के एकान्तर क्रम में सिकुड़ने एवं फैलने से अस्थियाँ गति करती हैं ।
- अस्थियों की सन्धियाँ अनेक प्रकार की होती हैं । यह उस सन्धि की प्रकृति एवं गति की दिशा पर निर्भर करता है ।
- पक्षियों की दृढ़ पेशियाँ तथा हल्की अस्थियाँ मिलकर उन्हें उड़ने में सहायता करती हैं । ये पंखों को फड़फड़ा कर उड़ते हैं ।
- मछली शरीर के दोनों ओर एकान्तर क्रम में वलय बनाकर जल में तैरती है ।
- सर्प अपने शरीर के दोनों ओर एकान्तर क्रम में वलय बनाते हुए भूमि पर वलयाकार गति करता हुआ आगे की ओर फिसलता है । बहुत सारी अस्थियाँ एवं उससे जुड़ी पेशियाँ शरीर को आगे की ओर धक्का देती हैं ।
- तिलचट्टे के शरीर एवं पैर कठोर आवरण से ढके होते हैं , जो बाह्य - कंकाल बनाता है । वक्ष की पेशियाँ तीन जोड़ी पैरों एवं दो जोड़ी पंखों से जुड़ी होती हैं , जो तिलचट्टे को चलने एवं उड़ने में सहायता करती हैं ।
- केंचुए में गति शरीर की पेशियों के बारी - बारी से विस्तारण एवं संकुचन से होती है ।
- शरीर की अध : सतह पर शूक ( बाल जैसी आकृति ) केंचुए को भूमि पर पकड़ बनाने में सहायक है ।
- घोंघा पेशीय पाद की सहायता से चलता है ।
अभ्यास
प्रश्न 1. रिक्त स्थानों की पूर्ति
कीजिए :
(क) अस्थियों की सन्धियाँ शरीर
को गति में सहायता करती हैं
।
(ख) अस्थियाँ और उपास्थि संयुक्त रूप
से शरीर का
कंकाल बनाते
हैं ।
(ग)
कोहनी की अस्थियाँ हिंज सन्धि द्वारा जुड़ी होती हैं
।
(घ)
गति करते समय
पेशियों के
संकुचने से अस्थियाँ खिचती
हैं ।
प्रश्न 2. निम्न कथनों के आगे
सत्य (T) तथा असत्य
(F) को इंगित कीजिए :
(क) सभी जन्तुओं की
गति एवं चलन
बिलकुल एक समान
होता है ।
(F)
(ख)
उपास्थि अस्थि की अपेक्षा कठोर
होती है ।
(F)
(ग)
अंगुलियों की अस्थियों में
सन्धि नहीं होती
। (F)
(घ) अग्रभुजा में दो
अस्थियाँ होती हैं
। (T)
(ङ)
तिलचट्टे में बाह्य
कंकाल पाया जाता
है । (T)
प्रश्न 3. कॉलम 1 में
दिए गए शब्दों
का सम्बन्ध कॉलम 2 के
एक अथवा अधिक
कथन से जोडिए
:
कॉलम 1.
कॉलम 2
ऊपरी जबड़ा के शरीर
पर पंख होते
हैं ।
मछली का बाह्य
कंकाल होता है
। पसलियाँ हवा में उड़
सकता है ।
घोंघा एक अचल सन्धि
है ।
तिलचट्टा हृदय की
सुरक्षा करती है
। बहुत धीमी
गति से चलता
है । इनका
शरीर धारा रेखीय
होता है।
उत्तर- ( i ) ऊपरी जबड़ा
एक अचल सन्धि
है ।
( ii ) मछली के शरीर
पर पंख होते
हैं , इनका शरीर
धारा रेखीय होता है
।
( iii ) पसलियाँ हृदय की
सुरक्षा करती हैं
।
( iv ) घोंधा बहुत धीमी
गति से चलता
है ।
( v ) तिलचट्टा का बाह्य
कंकाल होता है
, हवा में उड़
सकता है ।
प्रश्न 4. निम्न प्रश्नों के उत्तर
दीजिए :
(क)
कन्दुक - खल्लिका सन्धि क्या है
?
उत्तर - इस सन्धि में एक अस्थि का गेंद वाला गोल हिस्सा दूसरी अस्थि की कटोरी रूपी गुहिका में धंसा होता है । यह सभी दिशाओं में गति प्रदान करता है ।
(ख)
कपाल की
कौन - सी अस्थि
गति करती है
?
उत्तर - निचला जबड़ा ।
(ग)
हमारी कोहनी पीछे की
ओर क्यों नहीं मुड़
सकती ?
उत्तर - कोहनी पीछे की ओर नहीं मुड़ सकती , क्योंकि इसमें हिंज सन्धि होती है , जो केवल आगे - पीछे की गति प्रदान करती है ।
अतिरिक्त
महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. पसली पिंजर
क्या है ?
उत्तर - पसलियाँ वक्ष की अस्थि एवं मेरुदण्ड से जुड़कर पसली पिंजर की रचना करती हैं ।
प्रश्न 2. हमारे शरीर में
कन्दुक - खल्लिका सन्धि कहाँ पर
होती है ?
उत्तर - बाँह के साथ कन्धे का जोड़ ।
प्रश्न 3. कन्दुक - खल्लिका सन्धि से किस
प्रकार की गति
सम्भव है ?
उत्तर - वृत्ताकार ।
प्रश्न 4. केंचुआ अपने शरीर
के हिस्से को जमीन
से किस प्रकार
टिकाता है ?
उत्तर - केंचुए के शरीर में छोटे - छोटे अनेक शूक ( बाल जैसी आकृति के ) होते हैं , ये शूक पेशियों से जुड़े होते हैं । ये शूक जमीन में उसकी पकड़ को मजबूत बनाते हैं ।
प्रश्न 5. केंचुआ मिट्टी को अधिक
उपजाऊ कैसे बनाता
है ?
उत्तर - केंचुआ वास्तव में अपने रास्ते में आने वाली मिट्टी को खाता है । उसका शरीर अनपचे पदार्थ को बाहर निकाल देता है । केंचुए द्वारा किया गया यह कार्य मिट्टी को उपजाऊ बना देता है , जिससे पौधों को फायदा होता है ।
प्रश्न 6. हिंज सन्धि
की गति का
वर्णन कीजिए ।
उत्तर- एक मोटे कागज को मोड़कर एक बेलन बनाइए । बेलन में एक पेंसिल घुसाइए । इस पर एक गत्ता लगाकर एक खोखला अद्ध बेलनाकार बना लें । चित्रानुसार बेलन में पेंसिल लगा लें । पेंसिल की गति हिंज सन्धि की गति दर्शाती है ।
प्रश्न 7. सन्धियों पर वास्तव
में क्या चीजें
जुड़ती हैं ?
उत्तर - हड्डियाँ या अस्थियाँ ।
प्रश्न 8. हम अपनी
कुहनी को कैसे
मोड़ सकते हैं
?
उत्तर - कुहनी पर दो अस्थियों का जोड़ होता है । जोड़ हमें कोहनी को मोड़ने के योग्य बनाता है ।
प्रश्न 9. कोहनी में हिंज
जोड़ होता है
। क्या आप
ऐसे जोड़ों ( सन्धियों ) के अन्य
उदाहरण दे सकते
हैं ?
उत्तर - हाँ । घुटनों की सन्धियाँ ।
प्रश्न 10. हिंज सन्धि
किस प्रकार की गति
प्रदान करती है
?
उत्तर - केवल आगे - पीछे की गति ।